Haryana : नीरज चोपड़ा के सिल्वर मेडल जीतने पर झूमा गांव खंडऱा
सत्य खबर, पानीपत ।
पैरिस ओलंपिक में आज गोल्डन ब्वाय नीरज चोपड़ा का पैरिस ओलंपिक में जैवलिन थ्रो का फाइनल देखने के लिए देशवासियों को आधी रात के बाद तक जब तक नीरज चोपड़ा ने अपना आखिरी थ्रो का भाला नहीं फेका देश वासियों के साथ साथ उनके घर पर मौजूद भारी संख्या में जनसैलाब एक ही उम्मीद लगाये हुए था की नीरज के भाले के आखिरी थ्रो से गोल्ड मेडल मिलेगा पर वह नहीं कर पाये। उन्हें सिल्वर मेडल से ही सन्तोष करना पड़ा । जिसके बाद उनके गांव से लेकर पूरे देश में गोल्ड मेडल जैसी खुशी देखी गई। सिल्वर जीतने के बाद नीरज चोपड़ा के गांव खंडऱा में जश्न का माहौल रहा। आसमान में काफी देर तक आतिशबाजी होती रही। नीरज के चाहने वालों ने लड्डू बांटकर खुशी मनाई। युवाओं ने जोश के साथ तिरंगा फहराया। नीरज के पिता सतीश चोपड़ा ने कहा कि बेटे ने अपना परिणाम 100 प्रतिशत दिया है। एक के बाद एक मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है। सिल्वर से भी उन्हें बहुत खुशी है। नीरज के सिल्वर मेडल जीतने पर उनके परिजनों की फ ोन की घंटी टर्न टर्न टर्न करने लगी। फोन पर ही सभी की बधाई ली ओर दी।
वहीं इसराना विधानसभा से कांग्रेस विधायक बलबीर वाल्मीकि नीरज चोपड़ा का मैच देखने उसके घर पहुंचे थे। नीरज के सिल्वर मेडल जीतने के बाद विधायक वाल्मीकि ने अपने फोन से नीरज चोपड़ा के पिता सतीश चोपड़ा से फोन पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा से बात करवाई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने नीरज के पिता को फोन पर लगभग दो मिन्ट बात की और उसे जीत की बधाई दी।
सरकारी घोषणा कागजों तक ही चार साल में स्टेडियम के नाम से एक इंच जमीन भी नहीं
नीरज चोपड़ा ने जापान की राजधानी टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता था उस समय मौजूद भाजपा की हरियाणा सरकार ने नीरज के गांव खडरा में खेल स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी।

वहीं चार साल बीतने ओर दूसरे ओलम्पिक पैरिस में सिल्वर मेडल जीतने के बाद भी आज तक गांव में खेल स्टेडियम बनाने के लिए ना तो कोई ग्रांट आईं हैं ना एक भी इंच जमीन ग्राम पंचायत ने खेल स्टेडियम बनाने के लिए सरकार या खेल विभाग को दी है। हालांकि दो दिन पहले खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी मतलौडा ने ग्राम पंचायत खडरा को स्टेडियम के नाम जमीन देने का पत्र लिखा है। वहीं ग्राम पंचायत प्रतिनिधि ने बताया ग्राम पंचायत की जमीन पर केस चल रहा है। नीरज चोपड़ा के पिता सतीश ओर दादा धर्म सिंह ने कहा अभी तक गांव में स्टेडियम की कोई कार्यवाही नहीं शुरू हुई। सरकार से कई बार मांग कर चुके हैं।

दादी-दादा के लाड़ प्यार ने नीरज को बना दिया गोलू मोलू
नीरज चोपड़ा के चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि बचपन में नीरज अपनी दादी नत्थो देवी का सबसे लाडला होता था। दादी उसे हर रोज अपने हाथों से बना कर चूरमा खिलाती थी और दूध पिलाती थी। उसके लाड प्यार ने नीरज को गोलू मोलू बना दिया था। परिवार ने नीरज की सेहत को फिट करने के लिए ही नीरज को स्टेडियम में ले जाना शुरू किया था। वहीं से नीरज की खेल की शुरुआत हुई। इससे पहले किसी को नहीं पता था कि नीरज देश का स्टार बनेगा। दादी हमेशा बोलती थी कि मेरा पोता एक दिन देश और दुनिया में परिवार का नाम रोशन करेगा। चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि आज पूरा परिवार, गांव, रिश्तेदार व देश के लोग इक_ा बैठकर नीरज के मैच को देखते हैं, लेकिन दादी नत्थो देवी इस दुनिया में नहीं है। पूरा परिवार उनको मिस करता है। हर खुशी के मौके पर मां की सबसे ज्यादा याद आती है।